Best Hindi Kavita
on Bharat Desh
भारत देश पर
बेस्ट हिंदी कविता
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देश में बढ़ती बेरोज़गारी की समस्या के कारण, अपराध भी बढ़ रहा है, क्यूंकि जिस पढ़े लिखे नौजवान को काम नहीं मिलेगा या नौकरी नहीं मिलेगी, वो या नशे करने में लग जायेगा या फ़िर चोरियां करने में। देश में हर चीज़ मौजूद होने पर भी आम जनता परेशानी में है। भ्रष्टाचार इस क़दर बढ़ चुका है कि अब इसे रोकना मुश्क़िल है। अग़र सभी अपना काम ज़िम्मेदारी से करें तो देश भला हो सकता है, लेकिन यहाँ तो हर कोई अपना भला करने में लगा हुआ है, देश की किसको परवाह है। जो चंद लोग अपना काम ईमानदारी से करते भी हैं उन्हें भी बहुत सारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। आज की मेरी ये कविता प्यारे 'भारत' देश के नाम।
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बेस्ट हिंदी कविता
मेरे भारत देश में ये क्या हो रहा है
मेरे भारत देश में ये क्या हो रहा है,
ठग कर रहा है तरक्की रात - दिन,
पढ़ा - लिखा नौजवान नौकरी को रो रहा है,
उसका भाग्य ना जाने कहाँ सो रहा है,
मेरे भारत देश में ये क्या हो रहा है।
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सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं है,
ख़ुशियां हैं मगर कोई ख़ुश नहीं है,
इस हालत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा,
बैठने वाला अब कोई चुप नहीं है,
अपराध करके अपराधी घर में सो रहा है,
मेरे भारत देश में ये क्या हो रहा है।
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ग़रीबी बढ़ रही है हालात बदत्तर हो रहे,
लोगों के दिल इसलिए हैं पत्थर हो रहे,
बुरे हालात ही करवा रहे हैं बुरे काम,
अपराध के आंकड़े सात से सत्तर हो रहे,
ईमान इंसानों क्यूँ और कहाँ खो रहा है।
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राजनीति के तले दब रहे हैं देशवासी,
कुछ हद तक गुस्से में लग रहे हैं देशवासी,
लड़ना चाहते हैं अपने हक़ों के लिए,
देखकर अपनी कमर कस रहे हैं देशवासी,
क्रांति का बीज फ़िर से अंकुरित हो रहा है,
मेरे भारत देश में ये क्या हो रहा है।
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बेस्ट हिंदी कविता
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