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पिता का प्यार बेटी के लिए

Best Hindi Poem

For Daughter

बेटी के लिए सर्वश्रेष्ठ

हिंदी कविता





'बेवफ़ा हूँ' ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

कहते हैं कि पिता और बेटी का रिश्ता इतना अटूट रिश्ता होता है, जिसे कोई चाहकर भी नहीं तोड़ सकता। आज के ज़माने में बेटियों को बेटों से कम समझा जाता है पर कुछ ऐसे भी पिता हैं जो अपनी बेटियों को अपने बेटों से ज़्यादा पढ़ाते ही नहीं बल्कि उन्हें वो सभी हक़ देते हैं जो बेटे को मिलते हैं। जितना हक़दार बेटा है पिता की जायदाद में उतनी हक़दार बेटी भी है। लेकिन ये सब कुछ सिर्फ़ कहने से ही नहीं होगा बल्कि इन बातों पर हमें अमल भी करना होगा। बेटियां आज अपने पिता का साथ बेटों की तरह ही देती हैं। आज की हमारी ये कविता पिता और बेटी के अटूट प्यार के ऊपर आधारित है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी आज की ये कविता 'पिता का प्यार बेटी के लिए' आपको बहुत पसंद आएगी। 




Best Hindi Poem

For Daughter

बेटी के लिए सर्वश्रेष्ठ

हिंदी कविता


पिता का प्यार बेटियों का सिंगार,
पिता ने कीं पूरी ख़्वाहिशें हज़ार,
पिता ने ही बेटियों को साक्षर बनाया,
ज़िन्दग़ी का मूल्य भी है पिता ने बताया,
बेटियों से ही बना है आज संसार,
पिता का प्यार बेटियों का सिंगार,
पिता ने कीं पूरी ख़्वाहिशें हज़ार। 

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बेटी है पिता के लिए जीने की आस,
पिता को दुःखी देख होतीं बेटियां निराश,
दोनों होते एक - दुसरे का सहारा,
पिता और बेटी का है रिश्ता प्यारा,
तभी बेटियों को ज़्यादा पिता करे प्यार,
पिता का प्यार बेटियों का सिंगार,
पिता ने कीं पूरी ख़्वाहिशें हज़ार। 

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बेटियां ही दुःख में साथ पिता का निभाएं,
पिता तभी लेता रहे इनकी बलाएँ,
बेटियों को क्युँ ज़माना भार समझता,
बेटों को ही ज़्यादा समझदार समझता है,
बुढ़ापे में ये बेटी बनें पिता का सहारा,
पिता का प्यार बेटियों का सिंगार,
पिता ने कीं पूरी ख़्वाहिशें हज़ार। 

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पिता ने बना दिया है बेटियों को वारिस,
बेटी रहे ख़ुश सदा है पिता की गुज़ारिश,
बेटियों को और आगे अब है बढ़ाना,
पिता बोले बेटों से भी बढ़कर पढ़ाना,
बिना बेटियों के जीना नहीं है गवारा,
पिता का प्यार बेटियों का सिंगार,
पिता ने कीं पूरी ख़्वाहिशें हज़ार। 

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