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भविष्यवाणी पर कविता कुंडली।

 Poetry On Prophecy Kundali

 भविष्यवाणी पर कविता कुंडली


'बेवफ़ा हूँ' ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

दोस्तों आज का समाज भी पिछड़े हुए समाज की तरह बहुत से अंध - विश्वासों में पड़ा हुआ है और आज का इंसान इसीलिए ज़्यादा परेशान है क्यूंकि वो ख़ुद से ज़्यादा पंडितों , राशियों और कुंडलियों पर यक़ीन करता है। अगर सिर्फ़ कुंडली से ये पता चलता कि आने वाले भविष्य में क्या होने वाला है तो आज एलोन मस्क ( Powerful Super Human ) अपनी कुंडली ही देखते रहते और ये सोचते कि जब भाग्य में लिखा होगा मिल जायेगा। मेरा सभी से यही निवेदन है कि मेहनत करने से ही भाग्य बदलेगा और मेरा तो यही मानना है कि हज़ार कोशिशें करोगे तो हज़ार परिणाम आएँगे और उन परिणामों में से कोई न कोई परिणाम तो अच्छा ही होगा। 


Poetry On Prophecy Kundali

 भविष्यवाणी पर कविता कुंडली

क्या उसका भाग्य किताब

या कुंडली तय करेगी


जिस इंसान ने आधुनिक हथियार बना दिए,
यान समेत बन्दे अंतरिक्ष में पहुँचा दिए,
चंद्रमा पर जा पहुँचा अपने बलबूते,
ख़राब अंगों की जगह उपकरण लगा दिए,
अब ऐसी शख़्शियत क्या खोखले पाखंड में पडे़गी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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इंसान ने ही अविष्कार किया हवाई जहाज़ों का,
इंसान ही खोज रहा है पता कई रोग इलाज़ों का ,
इंसान की बुद्धि क्या अब नगों राशियों से भरेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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इंसान ने ही इस देश का संविधान रचा है वीरों,
उसको क्या कर लेंगे हम जो हो चुका है वीरों,
देखना हर गृह की दशा पर हमारी सोच अड़ेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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मंगल, शनि हों भी तो क्या हम काम ही ना करें,
कोई टोटका करें उपाय कर अंदर घुट - घुट के मरें,
हमारी सोच के विचारों से हर भविष्यवाणी डरेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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इंसान जो भी करता है उसके जैसा ही है पाता,
इंसान का किया कर्म किसी कुंडली में ना आता,
इन कुंडलियों के चक्कर में दुनियां ऐसे ही मरेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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किसी लाल किताब से भाग्य बदलना मूर्खता ही है,
झूठी महिमाएँ सुन - सुन कर हम कर उठते जय - जय,
आख़िर कब तक इंसानियत इस ज़ुल्‍म को जरेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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कोई कुंडली मुझे बतादे बेरोज़गारी ख़त्म कब होगी,
कोई कुंडली दे बता इस बार सरकार क्या करेगी,
और इस देश में से ग़रीबी हमेशा के लिए कब हटेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी। 

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कुंडली का कोई दोष नहीं हम ख़ुद सच मान हैं बैठे,
एक काग़ज़ का टुकड़ा सोचो भाग्य तय करे कैसे,
इनकी चाल है ये जो अब किसी पर ना चलेगी,
जिसने अपनी बुद्धि से हैरान किया है सबको,
क्या उसका भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी,
क्या हमारा भाग्य किताब या कुंडली तय करेगी।

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Poetry On Prophecy Kundali

 भविष्यवाणी पर कविता कुंडली


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