Poem On Cow
In Hindi Language
हिंदी भाषा में गाय पर कविता।
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गाय का हमारे जीवन में ही नहीं बल्कि हर किसी के जीवन में बहुत ही महत्तवपूर्ण योगदान है, गाय की आध्यात्मिक तौर पर भी बहुत ज़्यादा मानता है क्यूंकि किसी समय पर एक गाय ने सभी हिन्दू देवी - देवताओं को एक राक्षस से बचाया था। गाय के दूध में वो सभी गुण होते हैं जो एक माँ के दूध में पाए जाते हैं कहा जाता है कि अगर कोई माँ अपने नवजात शिशु को दूध पिलाने में सक्षम नहीं है तो उसे गाय का ही दूध दिया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गाय के मूत्र में बहुत सी बिमारियों को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं और आज तो गौ-मूत्र अर्क का भी सेवन होने लगा है पर कुछ अधर्मी लोग इसका दूध पीकर जब गाय दूध देने के क़ाबिल नहीं होती इसे ज़रा से पैसों के लिए कसाईओं के हाथ बेच देते हैं और वो लोग जो इस गाय के साथ करते हैं मुझे बताते हुए भी भय लगता है और शर्म आती है। हम सबको इस प्रजाति को बचाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि भविष्य में ये गाय सिर्फ़ क़िताबों में ही ना रह जाये। इस कविता को हर देश में पहुंचाएं और गाय माता कि रक्षा के लिए इस कविता को गायें भी।
Poem On Cow
In Hindi Language
हिंदी भाषा में गाय पर कविता।
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
चमड़ा पाने के लिए चमड़ी उखाड़ी जाती है,
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
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एक अलग किस्म का चमड़ा भारत,
अमरीका को पहुँचाता है,
उसके लिए गर्भवती गाय को,
ज़िन्दा ही मारा जाता है,
फ़िर गर्भ से बच्चा निकाल के,
चमड़ी उतारी जाती है,
पहले उसकी देह ख़ौलते,
पानी में उबाली जाती है,
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
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कितने निर्दय हैं जो इनको,
कई दिन भूख़ा रखते हैं,
उबला पानी मुँह पे डाल,
टुकड़े - टुकड़े करते हैं,
ऐसे ही मारी जाती है,
जो अपना दूध पिलाती है,
उनके अंदर की शैतानियत,
तरस ज़रा ना खाती है,
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
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ये धंधा बंद नहीं हो सकता,
ये दर्द बड़ा दुःखदाई है,
बुरे कामों की हुक़ूमत को,
अंधा - धुन कमाई है,
जो प्यार प्राण की दाती है,
ना अपना दर्द बताती है,
जिसकी हो ना माँ भैया,
ये माँ का फ़र्ज़ निभाती है,
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
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इसके गोबर से खाद्य बने,
और लेप से मरते कीटाणु,
ये देवी है कोई पशु नहीं,
है गाय अद्भुत मैं जानूँ,
ना मरते हुए घबराती है,
बस आँखों में बस जाती है,
इस देश कमाई की ख़ातिर,
माँ अपनी बलि चढ़ाती है,
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
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हमें जिसको आज बचाना है,
वो भारत माँ गौ माता है,
मेरे साथ चलो मेरे भाइयों,
ये कवि आज बताता है,
क्या तुम्हें नज़र ना आती है,
जो पहले दुध पिलाती है,
फ़िर अपना ख़ून बहाती है,
जो अभी तलक भी पिघली ना,
तेरी पत्थर की ही छाती है,
ऐसे रोज़ एक हज़ार गाय मारी जाती है।
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Poem On Cow In Hindi Language
हिंदी भाषा में गाय पर कविता।
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