Apne Kaam Se
Kaam Rakho Shayari
अपने काम से
काम रखो शायरी।
'बेवफ़ा हूँ' ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
दोस्तों हम सब ये जानते हैं कि आज भलाई करने का ज़माना नहीं है और अगर आप किसी की भलाई करने के बारे में सोच रहे हैं तो ये समझ लीजिये कि अगर आप किसी सामने वाले का भला करते हैं तो आपको उसके बदले कुछ मिलेगा , तो आप ये भूल जाईये कि ऐसा कुछ होगा। कहावत तो सुनी होगी कि " नेक़ी कर , दरिया में डाल " , इसका मतलब यही है कि आप भला तो कीजिये , मगऱ उसके बदले आपको कुछ मिलेगा या आपके साथ कुछ अच्छा होगा ये भूल जाईये । मैंने बहुत से लोगों को ये कहते हुए सुना है कि ' मैंने कौनसा किसी का बुरा किया था जो मेरे साथ ये सब हो रहा है ', भाइयों सिर्फ़ अपने काम से काम रखो और पढ़ते रहो हमारा ये ब्लॉग।
Apne Kaam Se
Kaam Rakho Shayari
अपने काम से काम रखो शायरी।
लगाते नहीं हैं ज़ख़्मों पे अब मरहम लोग़।
लगाते नहीं हैं ज़ख़्मों पे अब मरहम लोग़,
भला और कितना कर सकते हैं ज़ुल्म लोग़।
मेरा तो कहना किसी को कुछ मत कहो,
बहुत जल्दी हो जाते हैं यहाँ ग़र्म लोग़।
ख़ुदा की ज़ात को छोटा बहुत समझते हैं,
इससे ज़्यादा क्या होंगे बे - शर्म लोग़।
ईमान सबका गिरवी पड़ा है और कहीं,
क्या पता कब बदल लें अपना धर्म लोग़।
ज़माना बदलने की बात ही करते रहे सिर्फ़,
आगे तो कभी आए ही नहीं हम लोग़।
जो इतने रब बना दिए वो सब भी डरने लगे,
किस ख़ुदा की खा जाएँ कब क़सम लोग़।
Apne Kaam Se Kaam Rakho Shayari
अपने काम से काम रखो शायरी।
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ईमेल: - blogbewafahoon@gmail.com
3 टिप्पणियाँ
Awesome
जवाब देंहटाएंThanks Dear
हटाएंAwesome good job
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