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जोश से भरी हिंदी कविता।

Josh Se Bhari Hindi Kavita

जोश से भरी हिंदी कविता

                              



'बेवफ़ा हूँ' ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

कहानियों में बहुत बार सुना है हमने कि एकता में बल है, और हमने अपने बच्चों को भी ये कहानी बहुत बार सुनाई होगी।मगर कितने दुःख की बात है हम इस बात के ऊपर अमल नहीं कर सके, तभी तो आज हमारा भारत देश जातियों में बंटा हुआ है।मैं किसी जाति का अपमान नहीं कर रहा यहाँ बल्कि मैं ये कहना चाहता हूँ कि हम धर्मों में बंटकर भी एक दुसरे का साथ नहीं दे सकते हैं।आज अगर कोई हिन्दू, मुस्लिम की मदद करता है तो हिन्दू भाई बुरा मान जाते हैं, और अगर कोई मुस्लिम हिन्दू की मदद करता है तो मुस्लिम भाई बुरा मान जाते हैं।ये सब एक षड्यंत्र है ताकि देश के लोग आपस में मिल ना पाएं और जो लोग देश को लूट रहे हैं उनका काम चलता रहे।हम सबको इन चीज़ों को ख़त्म करना होगा, तभी ये देश ख़ुशहाल बनेगा। 


Josh Se Bhari Hindi Kavita

जोश से भरी हिंदी कविता

हम नहीं डरेंगे

हम नहीं डरेंगे,

कागज़ी तलवारों से,

बे-तुके हथ‍यारों से,

सरकारी डाकुओं से,

तेज़धार चाकुओं से,

हम नहीं डरेंगे। 

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चाहे कोई फ़र्ज़ी हो,

या सरकार की मर्ज़ी हो,

किसी के हाथ में नोट रहे,

कोई मांगता वोट रहे,

हम हैं देश के नागरिक,

नहीं सकते हैं जो बिक,

हम झुकेंगे नहीं मगर,

डट कर हम लड़ेंगे,

हम नहीं डरेंगे। 

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कैसा भी हो यहाँ माहौल ,

बनने देंगे ना माखौल ,

हम भी हैं किसी माँ के बेटे ,

दुःख में भारत को क्यों देखें ,

आज़ादी पर हुआ ग़ुलाम ,

देश बना जो हिन्दुस्तान,

नेताओं के जूते ही,

उनके सिर पर पड़ेंगे,

हम नहीं डरेंगे। 

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सब हैं मेरे भाई - बहन,

चिंतन अब करेंगे गहन,

बाकी देशों की तरह,

अच्छा होगा रहन - सहन,

सब देशों से ऊंचा यारा,

ये है भारत देश हमारा,

हमेशा के लिए हम सब,

मिलकर ही चलेंगे,

हम नहीं डरेंगे।

Josh Se Bhari Hindi Kavita

जोश से भरी हिंदी कविता


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